सनातन में दिव्‍य विधान का मूल सिद्घांत; अपने कर्त्तव्य और स्‍वभाव के अनुकूल उचित आचार संहिता

सौतेला

सौतेला जब भी हिन्दु के घर में मुंडन, विवाह आदि मंगल कार्यों में मंत्र पड़े जाते हैं, तो उसमें संकल्प की शुरुआत में इसका जिक्र आता है: जम्बू द्वीपे भारतखंडे…

Continue Readingसौतेला

शंकर से कैसे बने शंकराचार्य

शंकर से कैसे बने आदि शंकराचार्यजब शंकर का जन्म हुआ उस समय तक बौद्ध धर्म 1351 वर्ष पुराना हो चुका था जो पूरे एशिया में फैला हुआ था। जगह जगह…

Continue Readingशंकर से कैसे बने शंकराचार्य

त्रिदेव

त्रिदेवहमारे शास्त्रों के अनुसार त्रिदेव सृष्टि के तीन स्तंभ है। जिनमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश को बताया गया है। इन तीनों के कार्य अलग हैं। ब्रह्मा सृष्टि की रचना करते हैं…

Continue Readingत्रिदेव