सनातन में दिव्‍य विधान का मूल सिद्घांत; अपने कर्त्तव्य और स्‍वभाव के अनुकूल उचित आचार संहिता

संगत का असर

जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग। चंदन विष व्यापत नहीं , लिपटे रहत भुजंग ॥ आइए सर्वप्रथम इस दोहे के मूल भाव को समझ लें ,उसके बाद यह स्पष्ट करूंगा…

Continue Readingसंगत का असर

क्या सच में पैसा सबसे बड़ा होता है?

सवाल जो या तो आपको पता नहीं, या आप पूछने से झिझकते हैं, या जिन्हें आप पूछने लायक ही नहीं समझते पैसा सब कुछ तो नहीं लेकिन बहुत कुछ जरूर…

Continue Readingक्या सच में पैसा सबसे बड़ा होता है?

हे राम तुम उपमान हो

हे राम तुम उपमान हो हे राम तुम उपमेय होअज्ञान का हो ज्ञान तुम हो ध्यान तुम ही ध्येय हो मेरी चराचर देह में हो रक्त का संचार तुमउर के…

Continue Readingहे राम तुम उपमान हो