संगत का असर
जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग। चंदन विष व्यापत नहीं , लिपटे रहत भुजंग ॥ आइए सर्वप्रथम इस दोहे के मूल भाव को समझ लें ,उसके बाद यह स्पष्ट करूंगा…
सनातन में दिव्य विधान का मूल सिद्घांत; अपने कर्त्तव्य और स्वभाव के अनुकूल उचित आचार संहिता
जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग। चंदन विष व्यापत नहीं , लिपटे रहत भुजंग ॥ आइए सर्वप्रथम इस दोहे के मूल भाव को समझ लें ,उसके बाद यह स्पष्ट करूंगा…
सवाल जो या तो आपको पता नहीं, या आप पूछने से झिझकते हैं, या जिन्हें आप पूछने लायक ही नहीं समझते पैसा सब कुछ तो नहीं लेकिन बहुत कुछ जरूर…
हे राम तुम उपमान हो हे राम तुम उपमेय होअज्ञान का हो ज्ञान तुम हो ध्यान तुम ही ध्येय हो मेरी चराचर देह में हो रक्त का संचार तुमउर के…