यही दिव्यात्मा की सुंदरता है।
- Post author:आदि दूत
- Post published:February 4, 2022
- Post category:सनातन धर्म
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आदि दूत
सनातन ही अनन्त है, सनातन ही अनादि है।
सनातन से पहले कुछ नहीं था, सनातन के बाद कुछ नहीं रहेगा।
आप लोग सोचेंगे कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ, क्योंकि इसके पीछे कुछ कारण हैं।
सनातन सृष्टि के सृजन की मूल है।सनातन कोई धर्म नहीं है