सनातन में दिव्‍य विधान का मूल सिद्घांत; अपने कर्त्तव्य और स्‍वभाव के अनुकूल उचित आचार संहिता

सनातन की विशिष्टता

सनातन धर्म की विशिष्टताशब्दकोश के अनुसार सनातन का अर्थ सदा बना रहने वाला, नित्य, शाश्वत, चिरंतन है। सनातन धर्म की मीमांसा इसी अर्थ के आलोक में की जानी चाहिए। सनातन…

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अवतारवाद में घिरा समातन

वेद सनातन का मूल है। यह कटु सत्य है कि हिन्दु अवतारवाद में उलझा हुआ है कि ईश्वर अवतार लेता है। जबकि ईश्वर कभी भी अवतार नहीं लेता क्योंकि ईश्वर…

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