मोक्ष का मतलब बदलना होगा

The Kashmir File

1990 में कश्मीरी पंडितो के साथ हुए अत्याचारों की सच्ची कहानी हैं, यदि केन्द्र में भाजपा सरकार नहीं होती तो यह फ़िल्म कभी नहीं बनती ना कोई बनाने की हिम्मत कर पाता।कश्मीरी पंडितो के साथ जो हुआ वह तो अभी कुछ दिन ही पुरानी है।
इतिहासकारों की मानें तो हिन्दुओं पर मुस्लिमों का अत्याचार एक हज़ार वर्ष से चला आ रहा है।अगर उससे पहले का इतिहास देखेंगे तब हिन्दु राजाओं में सिर्फ़ सत्ता पाने के लिये युद्ध होते थे कभी किसी राजा ने जातीय विद्वेष या वर्ण मत भिन्नता के कारण कभी आम नागरिकों की सामूहिक हत्या नहीं की थी।
मुस्लिमों के अत्याचार के पीछे की कहानी अगर देखेंगे तो सिर्फ़ एक ही मुख्य कहानी दिखाई देती है वो भी सिर्फ़ सत्ता को हथियाने की लालसा ही है। हिन्दु राजाओं ने अपने राज्य का प्रभुत्व स्थापित करने के लिये मुस्लिम आक्रांताओं का साथ लिया कभी ये नहीं सोचा कि आज हम इनका साथ ले रहे हैं तो कल ये हमें ही कहीं सत्ता से दूर ना करने लगें , और धीरे धीरे यही होने लगा।
मुस्लिम आक्रांताओ का उद्देश्य केवल किसी राज्य या देश पर अपनी सत्ता क़ायम करना नहीं बल्कि उनका मुख्य उद्देश्य हिन्दुओं को इस्लाम में बदलना और इस्लाम को फैलाना रहा है।यह बात ना तो हमारे राजा महाराज समझ पाये ना ही हमारे धर्म का संत समाज समझ पाया। राजा अपने राज्य की सुरक्षा में लगे रहे और धर्म गुरू धर्म का ज्ञान देने में लगे रहे।
हिन्दु धर्म में हमेशा लोभ मोह को त्याग करके धर्म की सेवा में लगने के लिये धर्म गुरुओं ने ज़ोर दिया कि धर्म का पालन करो मोक्ष का रास्ता बनाओ आपका जीवन सफल हो जायेगा।
ऐसे उपदेशों से कुछ धर्म गुरू प्रसिद्ध तो हो गये लेकिन हिन्दु धर्म का प्रसार सही तरीक़े से नहीं कर पाये।सभी धर्म गुरू कर्मकांडों में उलझाते रहे किसी ने इस पर ज़ोर नहीं दिया कि सनातन को कैसे सुरक्षित किया जाये।हिन्दु को ये तो बताया गया कि भगवान है लेकिन यह नहीं बताया गया कि भगवान सिर्फ़ एक है।
हमारे तो भगवान की भी गिनती नहीं हैं ना जाने कितने भगवान है।शिव,विष्णु,ब्रह्मा जी, राम , कृष्ण फिर कितने ही देवता जिनमें सूर्य देवता ,इन्द्र देवता,अग्नि देवता,वरूण देवता,चन्द्र देवता,आकाश देवता,और भी बहुत है उसके बाद ना जाने कितनी ही देवी भी है, लक्ष्मी देवी सरस्वती देवी वैष्णो देवी, पृथ्वी देवी,फिर माँये आती है काली माँ दुर्गा माँ माँ पूर्णागिरी, विध्यावासिनी माँ ,चंडी माता,और अनेकों अनेक हैं।
इस सबका कारण क्या है कि हमारे इतने भगवान हैं शायद किसी को नहीं मालूम और अगर बता दिया जायेगा तो कोई विश्वास नहीं करेगा और मुझे ही धर्म विरोधी बता दिया जायेगा।
मुझ किसी का डर नहीं है तो सच लिखने में क्या डर यह सब स्वयं को भगवान के बाद सबसे बड़ा मानने वाले ब्राह्मणों के कारण है।ब्राह्मण को सनातन में भगवान का दूत माना जाता है क्योंकि ब्राह्मण वही होता है जिसे ब्रह्मा (आत्मा) का ज्ञान होता है, ब्राह्मण जो बताते सब उसे मानते।
ब्राह्मण कभी सत्ता के शीर्ष पर तो नहीं बैठा लेकिन सत्ता बनाने और बिगाड़ने में ब्राह्मण की मुख्य भूमिका रही है।ब्राह्मण में एक बहुत बड़ी कमी रहा है कि वह स्वयं को सबसे बड़ा मानता और सोचता कि सब वही करें जो वह कहे।
ब्राह्मणों ने हर उस व्यक्ति को भगवान दिया जिसने अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।उसके पीछे का कारण यही है कि ब्राह्मण तो मुख्य भूमिका में रहना था। क्योंकि सनातन का मानना है कि ब्राह्मण ही वह शक्ति है जो हमें भगवान तक पहुँचाता है।
अब जैसे राम को ही लीजिए वह क्षत्रिय थे तब ब्राह्मणों को डर हुआ कि कहीं हमारा ब्रह्म हमसे ना छिन जाये इसलिए उन्होंने राम को भगवान बना दिया, दूसरा उदाहरण कृष्ण जो यादव थे जो आज के भारत की जाति व्यवस्था में पिछड़े वर्ग से आते थे। ब्राह्मणों ने कृष्ण को भगवान बना दिया और ब्रह्म की चाबी अपने पास ही रखी क्योंकि राम हो कृष्ण उन तक पहुँचने के रास्ता ब्राह्मण द्वारा किये गये कर्म कांडों से ही खुलेगा।

यह तो कुछ भी नहीं हमारे सनातन में जितने भी धर्म प्रचारक या धर्म गुरू हुए हैं सबने सनातन के अनुयायी को सिर्फ़ व्यक्तिगत मोक्ष प्राप्त करने का रास्ता बताया लेकिन कभी यह नहीं बताया कि धर्म की रक्षा कैसे की जाये कैसे सनातनी अपने धर्म के लिये एक साथ खड़े हों।
आदि शंकराचार्य हो विवेकानंद हो रामानुज हो या कोई और भी सनातन के प्रहरी कहलाने वाले धर्म गुरू हो सबने यही बताया कि मनुष्य के जीवन का मूल उद्देश्य मोह माया से निकल कर मोक्ष की ओर जाना है।अगर हमारे धर्म गुरू सनातन में एक भगवान एक शक्ति पर ज़ोर देते तो शायद मुस्लिमों की मज़ारों पर पीरों पर हिन्दु चादर नहीं चढ़ा रहा होता क्योंकि हिन्दु के दिमाग़ में तो हर वह व्यक्ति भगवान होता है जो अच्छे कर्म करता है।
एक हज़ार वर्ष में करोड़ों हिन्दुओं का संहार मुस्लिमों ने किया सिर्फ़ इसलिए कि उनका अल्लाह एक है और वह समस्त संसार को अल्लाह को मानने के लिये बाध्य कर रहे हैं कितनी भी हत्याएं क्यों ना करनी पड़े मुस्लिम चूकता नहीं है मुस्लिम पहले लालची हिन्दुओं के साथ मिलकर उन हिन्दुओं को ख़त्म करता है जो किसी लालच में नहीं रहते सिर्फ़ अपने कमाने खाने में लगे होते हैं फिर मुस्लमान का दूसरा शिकार वही लालची हिन्दु होता है।
ये कुछ मुस्लिमों द्वारा किये गये मुख्य हिन्दु नरसंहार हैं जिनके पीछे लालची हिन्दुओं का बड़ा योग दान है।

१-महमूद गजनवी द्वारा हिन्दु नरसंहार
२-मुहम्मद गोरी द्वारा हिन्दु नरसंहार।
३-क़ुतुब उद्दीन ऐबक द्वारा हिन्दु नरसंहार
४-ख़िलजी वंश द्वारा हिन्दु नरसंहार
५-तुग़लक़ द्वारा हिन्दु नरसंहार
६-तैमूरलंग द्वारा हिन्दु नरसंहार
७-सिकंदर द्वारा हिन्दु नरसंहार
८-सैयद और लोधी वंश द्वारा हिन्दु नरसंहार
९-मुग़लों द्वारा हिन्दु नरसंहार
यह तो सब वो नरसंहार है जो मध्यकालीन भारत में मुस्लिम आक्रांताओ द्वारा किये
गये है।
इसके बाद भी यह सिलसिला रूका नहीं
१९२१ में मालाबार दंगा जिसमें एक लाख हिन्दुओं की हत्या की गई थी।
१९४६ में जिन्ना का एक्शन डे जिसमें लाखों हिन्दुओं की हत्या की गयी
१९४७-४८ में देश विभाजन के समय लाखों हिन्दुओं की हत्या की गयी।
१९७१ में बांग्लादेश विभाजन के समय लाखों हिन्दुओं की हत्या की गयी।
यह सिलसिला चलता रहा १९९० में कश्मीर में नरसंहार ।
आज़ादी के बाद से यह सिलसिला लगातार जारी है अभी २ मई २०२१ को ममता के चुनाव जीतने के बाद बंगाल का नरसंहार।
लेकिन हिन्दु इससे सबक़ नहीं ले रहा और लगातार अपने लालच के वशीभूत रहकर हिन्दुत्व को कमजोर करने में लगा है।
हमारे देश में हज़ारों संत है चार शंकराचार्य है लेकिन सबने धर्म को साधन बना लिया है जबकि धर्म तो साध्य है।
अब ज़रूरत है तो किसी ऐसे धर्म गुरू की जो सनातन में मोक्ष परम्परा को बदलें और सनातन की सुरक्षा को ही मोक्ष से जोड़ दे।

मैंने एक संस्था बनाई है जिसका उद्देश्य यही है।
सत्य कड़वा होता है हो सकता बहुत लोगों को बुरा भी लगे लेकिन सत्य सत्य रहेगा झूँठ का आवरण डालकर उसे बदला नहीं जा सकता।
सत्य का कोई द्वार नहीं होता है यह जिस द्वार से भी अंदर प्रवेश करे उसे आने दिया जाये ।

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आदि दूत

सनातन ही अनन्त है, सनातन ही अनादि है। सनातन से पहले कुछ नहीं था, सनातन के बाद कुछ नहीं रहेगा। आप लोग सोचेंगे कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ, क्योंकि इसके पीछे कुछ कारण हैं। सनातन सृष्टि के सृजन की मूल है।सनातन कोई धर्म नहीं है

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