आप धनी हैं, 100 वर्ष बाद आपको कोई नहीं जानेगा, सब आपको भूल जायेंगे। आप शक्तिशाली है, आप 10 वर्ष से ज़्यादा शक्तिशाली नहीं रह सकते, सब आपको भूल जायेंगे। आपकी शारीरिक सुन्दरता अद्वितीय है, आप 25 वर्ष से ज़्यादा सुन्दरता को बनाये नहीं रख सकते, सब आपको भूल जायेंगें। फिर दुनियाँ याद किये रखती है दुनियाँ केवल उसका नाम याद रखती है जिसके विचार लोगों की भलाई,समाज के उत्थान, मानवता को जीवित रखने वाले हों। मनुष्य भगवान नहीं बन सकता लेकिन कर्मों के आधार पर भगवान के बाद पूजा जाने वाला महान चरित्र बन सकता है। भिन्न मतों में विभाजित हज़ारों कुरीतियों से भरे सनातन को एक नयी दिशा देने वाले शंकराचार्य का जन्म लगभग 1200 वर्ष पूर्व हुआ, कल भी लोगों को उनका नाम याद था आज भी याद और हमेशा रहेगा। राम मंदिर में पूजा करने वाला पुजारी राम के नाम से नहीं जाना जाता वह केवल पुजारी ही रहता है। शिव मंदिर में पूजा करने वाला पुजारी महादेव के नाम से नहीं जाना जाता वह केवल एक पुजारी ही रहता है। श्री कृष्ण मंदिर का पुजारी कृष्ण नहीं कहलाता वह केवल पुजारी बनकर रह जाता है। लेकिन शंकराचार्य ने जिन चार मठों की स्थापना की है उनके मठाधीश के नाम के आगे शंकराचार्य ज़रूर लगेगा।